Saturday, June 14

आरती

बृहस्पति देव आरती (Brihaspati Dev Aarti)

देव गुरु बृहस्पति देव की आरती (Dev Guru Brihaspatidev ki Aarti)  हिंदू धर्म में बृहस्पति देव (Brihaspati Dev) को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण पूजा है। बृहस्पति देव को गुरु, शिक्षा, समृद्धि, और विद्या के देवता के रूप में पूजा जाता है। उनकी आरती का गान विशेष रूप से बृहस्पतिवार (गुरुवार या वीरवार) के दिन किया जाता है। यह आरती व्यक्ति क

तुलसी आरती (Tulsi Aarti)

तुलसी आरती (Tulsi Aarti) जय जय तुलसी माता, नमो नमो तुलसी माता। सत्य सनातन तेरी कथा, जय जय तुलसी माता।। श्रीहरि के सिर पर बिराजे, ब्रह्मा रूप तुम्हारा। सब देवों में श्रेष्ठ तुम, पूजें तुझे जग सारा। जय जय तुलसी माता, नमो नमो तुलसी माता।। लक्ष्मी का तुम रूप अनोखा, विष्णु प्रिय तुम्हारा। पाप हरो, सुख संपत्ति दो, तार

श्री कृष्ण आरती (Shri Krishna Aarti)

श्री कृष्ण आरती (Shri Krishna Aarti) श्री कृष्ण आरती भगवान श्री कृष्ण (Bhagwan Krishna) की स्तुति में गाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण आरती है। यह आरती भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों, उनकी दिव्य लीलाओं, और उनकी मुरली की मधुरता को चिरकाल तक याद रखने का माध्यम है। इसमें भगवान की सुंदरता, प्रेम, और करुणा का वर्णन किया गया है। श्री कृष्ण आ

श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)

श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan) बजरंग बाण (Bajrang Baan) एक अत्यंत शक्तिशाली स्तुति है, जिसे गोस्वामी तुलसीदास जी (Goswami Tulsidas) ने रचा था। यह स्तुति हनुमान जी (Hanumanji) की कृपा प्राप्त करने और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है। इसका पाठ विशेष रूप से शत्रु बाधा, भय, रोग, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए प्रभावी माना जाता है।

भगवान शिव की आरती (Bhagwan Shiv ki Aarti)

भगवान शिव की आरती (Bhagwan Shiv ki Aarti) सोमवार का दिन भगवान शिव (Bhagwan Shiv) का होता है, वो अलौकिक शक्ति हैं, भोले भंडारी हैं, उनकी उपासना मात्र से ही इंसान के सारे दुखों का अंत हो जाता है। इसलिए सोमवार सुबह का प्रारंभ शिवमंत्र और उनकी आरती से करना चाहिए, ऐसा करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत हो जाता है और उसकी हर एक इच्छा पूरी

माँ दुर्गा की आरती (Maa Durga Aarti)

माँ दुर्गा की आरती (Maa Durga Aarti) Durga Ambe Mata Ji Ki Aarti सनातन धर्म (Sanatan Dharm) में माँ दुर्गा (Durga Maa) को नवदुर्गा (NavDurga) का एक रूप माना जाता है। इसी रूप में भक्तगण उनकी पूजा करते हैं। कहा जाता है कि माँ दुर्गा का जन्म दुष्टों और अत्याचारियों का अंत करने के लिए हुआ था। माँ दुर्गा शक्ति, पराक्रम और सौंदर्य का प्रतीक हैं। पौराणिक कथाओ

लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ji Ki Aarti)

लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ji Ki Aarti) Aarti Maa Lakshmi Ji Ki यह आरती धन, समृद्धि और प्रचुरता की देवी, माँ लक्ष्मी (Devi Maa Lakshmi) की प्रशंसा में गाया जाने वाला एक लोकप्रिय भक्ति गीत है। आरती धार्मिक समारोहों और देवी लक्ष्मी को समर्पित त्योहारों के दौरान गायी जाती है। माँ लक्ष्मी आरती लिरिक्स (Lakshmi Aarti Lyrics) सनातन धर्म में देवी लक्ष्मी (Devi L

सरस्वती माँ की आरती (Saraswati Maa Ki Aarti)

सरस्वती माँ की आरती (Saraswati Maa Ki Aarti) Saraswati Aarti ll ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः ll  माँ सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी (Gyan aur Vidya ki Devi) माना जाता है l माघ महीने के  शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि में  बसंत ऋतू को माँ सरस्वती की आरधना,अर्चना और पूजा करके मनाया जाता है l कला, विद्या, संगीत प्राप्ति के लिए हम सर्वप्रथम म

शनि देव की आरती (Shani Dev ki Aarti)

शनि देव की आरती (Shani Dev ki Aarti) Shani Maharaj Aarti ।। ॐ शनिश्चराय नम: ।। शनि आरती (Shani Aarti) की शक्ति और शनि देव जी (Shani Dev Ji) की महिमा अपरंपार है। शनिदेव को सबसे शक्तिशाली और नौ ग्रहों का स्वामी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के शनि कर्म फल दाता (Karm Phal Data) है और कर्मों का हिसाब करते है और उसी अनुसार व्यक्ति को फल देते है। शनि आरती (Shani Aarti) श्

विष्णु आरती (Vishnu Aarti)

विष्णु आरती (Vishnu Aarti) Bhagwan Vishnu Ki Aarti ।। हरि ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।।  भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) संपूर्ण जगत के पालनहार है। भगवान विष्णुजी की पूजा-अर्चना करने से पूर्व उनकी स्तुति करके उनका आव्हान करना चाहिए और पूजा के बाद विष्णु भगवान की आरती (Vishnu Bhagwan ki Aarti) गाकर पूजन समाप्त करना चाहिए। इस प्रकार की पूजा-अर्चना से जातक को

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