हनुमान जी के 12 नाम

12 Name of Lord Hanuman

हनुमान जी इन 12 नामों से जाने जाते हैं l

हनुमान (Hanuman)

एक बार जब हनुमान जी बाल अवस्था में सूर्य देव को फल समझकर खाने के लिए उनकी तरफ बढ़ने लगे तब इंद्र देव ने हनुमान जी को रोकने के लिए अपने वज्र से उन पर प्रहार किया था जिसके बाद व्रज के प्रहार से उनकी ठुड्डी टेड़ी हो गई थी। ठुड्डी को हनु कहा जाता है। तभी से उनका नाम हनुमान पड़ गया।

अंजनीसुत (AnjaniSuta)

हनुमान जी ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रदोषकाल में जन्म लिया था। इसी कारण से वह अंजनीसुत कहलाए।

वायुपुत्र (Vayu Putra)

बजरंगबली का जन्म वायु देव के आशीर्वाद से हुआ था और पवन देव उनके मानस पुत्र भी हैं। इसलिए हनुमान जी का एक नाम वायुपुत्र या पवन पुत्र भी है।

महाबली (Mahabali)

हनुमान जी अत्यंत बलशाली हैं। ऐसा माना जाता है कि बालि, रावण, भीम, एरावत, इंद्र आदि सभी का बल मिलकर भी हनुमान जी के बल से इनकी तुलना संभव नहीं। हनुमान जी के बल के कारण ही स्वर्ण लंका क्षण भर में राख का ढेर बन गई थी। इसी कारण से हनुमान जी को महाबली भी कहा जाता है।

रामेष्ट (Rameshta)

हनुमान जी भगवान श्री राम के प्रिय माने जाते हैं। उनके रोम रोम में राम बसे हैं। राम काज में हनुमान जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। इसी कारण से उनका एक नाम रामेष्ट भी पड़ा।

फाल्गुनसखा (Phalguna Sakha)

हनुमान जी को अर्जुन का मित्र माना जाता है। इसके पीछे का तर्क यह है कि फाल्गुन का अर्थ होता है अर्जुन और सखा का अर्थ होता है मित्र। यानी कि वो जो अर्जुन के मित्र हैं। इसके अलावा, महाभारत और भगवद गीता दोनों ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि हनुमान जी ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ पर स्थापित होकर उनकी रक्षा की थी।

पिंगाक्ष (Pingaksha)

पिंगाक्ष का अर्थ होता है आंखों में हल्के लाल और पीले रंग की परत बनना। हनुमान जी के नेत्रों में भी ऐसी परत बनने का उल्लेख रामायण ग्रंथ में मिलता है। इसी कारण से हनुमान जी का एक नाम पिंगाक्ष भी है।

अमितविक्रम (Amita Vikrama)

हनुमान जी का एक नाम अमितविक्रम भी है। अमित का अर्थ है अधिक और विक्रम का अर्थ होता है पराक्रमी। हनुमान जी भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। ऐसे में उनके अंदर अथाह बल होना स्वाभाविक है। हनुमान जी ने अपने बल से ऐसे अचंभित कर देने वाले कार्य किये हैं जो देवताओं के बल के भी बाहर है।

उदधिक्रमण (Udadhikramana)
उदधिक्रमण का मतलब होता है समुद्र को लांघने वाला। हनुमान जी ने माता सीता की खोज में समुद्र को लांघा था इसलिए उनका एक नाम उदधिक्रमण भी है।
सीता शोक विनाशन (Sita Shoka Vinashana)
इस नाम की रोचक कथा यह है कि जब समुद्र को लांघ हनुमान जी माता सीता के पास पहुंचे थे तब उन्होंने छोटा सा आकार धर पेड़ की आड़ में खुद को छिपा लिया था। उन्होंने माता सीता को श्री राम से बिछड़ने के शोक में द्रवित देखा। जब माता सीता के समीप कोई भी रावण के रक्षाओं में से नहीं था तब समय का लाभ उठाते हुए उन्होंने माता सीता को अपना परिचय देते हुए खुद को राम दूत बताया जिसके बाद माता सीता का सारा शोक दूर हो गया। इसी वजह से हनुमान जी सीताशोकविनाशन कहलाए।
लक्ष्मण प्राणदाता (Lakshmana Prana Data)
रामायण के एक खंड में इस घटना का वर्णन मिलता है कि लक्ष्मण जी और मेघनाथ के युद्ध में जब मेघनाथ ने छल से लक्ष्मण जी को आहत कर मूर्छित कर दिया था तब हनुमान जी उनकी रक्षा हेतु संजीवनी बूटी लेकर आए थे जिससे लक्ष्मण जी की जान बचना संभव हो सकता था। इसलिए हनुमान जी को लक्ष्मण प्राणदाता के नाम से भी जाना जाता है।
दशग्रीवदर्पहा (Dashagriva Darpaha)
दशग्रीव का मतलब होता है रावण और दर्पहा का अर्थ है घमंड तोड़ने वाला। ये तो समूचा जगत जानता है कि महाबली हनुमान ने किस प्रकार अनेकों बार रावण का अहंकार चूर चूर किया था। इसी कारण से उनका एक नाम दशग्रीवदर्पहा पड़ा।

 

Purab Pashchim विशेष - 

Hanuman Chalisa  |   Shiv Chalisa   |   Hanuman Ji   |  Ganesh Chalisa 

Ganesh Aarti   |   Lakshmi Aarti   |   Hanuman Aarti   |   Vishnu Chalisa   

Panchmukhi Hanuman   |   Pracheen Hanuman Temple  

Sankat Mochan Hanuman Mandir    |   Hanuman Jayanti   

Hanuman Chalisa Benefits   |   Hanuman Chalisa English

  • Share:

0 Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Format: 987-654-3210

फ्री में अपने आर्टिकल पब्लिश करने के लिए पूरब-पश्चिम से जुड़ें।

Sign Up