रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek Puja)

Rudrabhishek Puja

रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek Puja)

रूद्र मतलब शिव, अभिषेक मतलब स्नान कराना – अर्थात् रुद्राभिषेक का मतलब शिवजी का मन्त्रों से अभिषेक करना। यह पवित्र स्नान, शिव जी (Bhagwan Shiv) को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका माना गया है। क्योंकि शिव जी की जटाओं में गंगा (Maa Ganga) का वास है, भगवान शिव को जलधाराप्रिय माना जाता है। वैसे तो रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek Puja) किसी भी दिन शुभ मुहूर्त देख कर करवाई जा सकती है, परन्तु महाशिवरात्रि (Maha ShivRatri) के दिन करवाना अत्यंत लाभदायी माना जाता है क्योंकि इस दिन शिव और शक्ति का मिलन (Shiv aur Shakti ka Milan) हुआ था। इस पूजा के दौरान शिवलिंग का पवित्र स्नान कर उसका श्रृंगार किया जाता है। 

रूद्र भगवान शिव (Rudra Bhagwan Shiv) का सबसे प्रचंड रूप माना जाता है। शिवपुराण (Shivpuran) के रुद्रसंहिता के अनुसार सावन के सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर कराया गया रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) विशेष फलदायी होता है। शिव जी का अभिषेक गंगाजल, दूध, गन्ने का रस, गुड़ का रस, कुश का रस, और भांग के रस, आदि से किया जाता है। अभिषेक करने के लिए पीतल की श्रृंगी अनिवार्य होती है। 

रुद्राभिषेक विधि (Rudrabhishek Puja Vidhi)

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर घर का एक हिस्सा साफ़ कर  लें जहा पूजा करनी है।
  • घर पर शिवलिंग को उत्तर दिशा में रखें और मुख पूरब की तरफ रखें।
  • श्रृंगी में सबसे पहले गंगाजल डालकर अभिषेक शुरू करें।
  • गंगाजल के बाद एक-एक कर सभी तरल पदार्थ श्रृंगी में डाल कर शिव जी का अभिषेक करें। 
  • अभिषेक करते वक़्त महामृत्युंजय मंत्र या ओम नमः शिवाय का जाप करते रहें। 
  • अभिषेक के बाद शिवलिंग पर चन्दन का लेप लगायें और उस पर पान का पत्ता, बेलपत्र, मदार का पत्ता, धतूर, फल, फूल आदि चढ़ाएँ।
  • शिवलिंग की आरती करें और पूजा के बाद रुद्राभिषेक के जल का पूरे घर में छिड़काव करें।

रुद्राभिषेक पूजा से जुड़े प्रश्न और उत्तर 

प्रश्न - रुद्राभिषेक पूजा का महत्त्व क्या है?

उत्तर - रुद्राभिषेक पूजा का महत्त्व शिवजी को प्रसन्न करना और आशीर्वाद प्राप्त करना है। यह पूजा महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से लाभदायी मानी जाती है।

प्रश्न - रुद्राभिषेक पूजा के लिए कौन-सा दिन सबसे शुभ होता है?

उत्तर - रुद्राभिषेक पूजा किसी भी दिन शुभ मुहूर्त देख कर करवाई जा सकती है, परन्तु महाशिवरात्रि के दिन करवाना अत्यंत लाभदायी माना जाता है। इसके अलावा सावन के सोमवार और शिवरात्रि के दिन भी यह पूजा विशेष फलदायी होती है।

प्रश्न - रुद्राभिषेक पूजा के लिए क्या-क्या आवश्यक है?

उत्तर - रुद्राभिषेक पूजा के लिए गंगाजल, दूध, गन्ने का रस, गुड़ का रस, कुश का रस, भांग का रस, पीतल की श्रृंगी, पान का पत्ता, बेलपत्र, मदार का पत्ता, धतूर, फल और फूल आदि आवश्यक होते हैं।

प्रश्न - रुद्राभिषेक पूजा की विधि क्या है?

उत्तर - रुद्राभिषेक पूजा की विधि में सुबह जल्दी उठकर स्नान करना, पूजा स्थल को स्वच्छ करना, शिवलिंग को उत्तर दिशा में रखना, गंगाजल और अन्य तरल पदार्थों से अभिषेक करना, महामृत्युंजय मंत्र या ओम नमः शिवाय का जाप करना, और शिवलिंग की आरती करना शामिल है।

प्रश्न - रुद्राभिषेक पूजा के दौरान कौन-से मंत्र का जाप किया जाता है?

उत्तर - रुद्राभिषेक पूजा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या ओम नमः शिवाय का जाप किया जाता है।

प्रश्न - रुद्राभिषेक पूजा के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर - रुद्राभिषेक पूजा के बाद शिवलिंग की आरती करें और रुद्राभिषेक के जल का पूरे घर में छिड़काव करें।
 

पूरब पश्चिम विशेष

छठ पूजा (Chhath Puja)   |  विश्वकर्मा पूजा का महत्व (Significance of Vishwakarma Puja)

  • Share:

0 Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Format: 987-654-3210

फ्री में अपने आर्टिकल पब्लिश करने के लिए पूरब-पश्चिम से जुड़ें।

Sign Up