Sunday, September 14

श्याम बाबा की आरती (Shyam Baba Ki Aarti)

Shyam Baba Ki Aarti

श्याम बाबा की आरती (Shyam Baba Aarti)

भारत में जब भक्ति की बात आती है, तो श्याम बाबा का नाम श्रद्धा से लिया जाता है। चाहे वो खाटू श्याम का प्रसिद्ध मंदिर हो या भक्तों के हृदय में बसी हुई आस्था, श्याम बाबा की पूजा एक अलग ही ऊर्जा और शांति प्रदान करती है।

श्री खाटू श्याम जी आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

गल पुष्पों की माला,सिर पर मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर,दीपक ज्योति जले॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

झांझ कटोरा और घड़ि़यावल, शंख मृदंग धुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

‘श्री श्याम बिहारीजी’ की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत ‘आलूसिंह’ स्वामी, मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

तन मन धन सब कुछ है तेरा, हो बाबा सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण, क्या लोग मेरा॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे॥

श्याम बाबा आरती का महत्व

श्याम बाबा आरती भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव है। आरती न केवल पूजा का एक हिस्सा है, बल्कि वह भावनात्मक जुड़ाव है जो भक्त और भगवान के बीच आत्मिक संबंध को मजबूत करता है।
खाटू श्याम जी को कलियुग के साक्षात भगवान माना जाता है और आरती के माध्यम से उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है। यह आरती सुनने और गाने से मन को शांति मिलती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और जीवन में आशा का संचार होता है।

श्याम बाबा आरती का समय

खाटू श्याम मंदिर या अन्य श्याम मंदिरों में श्याम बाबा आरती दिन में कई बार होती है। मुख्य आरतियाँ निम्नलिखित समय पर होती हैं:

  • मंगल आरती (सुबह) – प्रातः 4:30 बजे
     
  • शृंगार आरती – प्रातः 7:00 बजे
     
  • राजभोग आरती – दोपहर 12:15 बजे
     
  • संध्या आरती – शाम 6:30 बजे
     
  • शयन आरती – रात 9:00 बजे
     

इन समयों में मंदिर में भक्ति की विशेष लहर होती है और श्रद्धालु बड़ी संख्या में एकत्र होकर श्याम बाबा की महिमा का गुणगान करते हैं।

खाटू श्याम बाबा मंदिर का इतिहास

श्याम बाबा का असली नाम बार्बरीक था, जो भीम के पुत्र और घटोत्कच के बेटे थे। महाभारत युद्ध में जब उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को तीन बाणों की शक्ति दिखाई, तो श्रीकृष्ण ने उनसे उनका सिर माँगा।
श्याम बाबा ने सहर्ष अपना शीश दान कर दिया और भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे "श्याम के नाम से पूजे जाएंगे" और उनकी भक्ति सबसे सरल और फलदायक मानी जाएगी।

श्याम बाबा की भक्ति के प्रमुख आयोजन

  • फाल्गुन मेला : यह साल का सबसे बड़ा उत्सव होता है जब लाखों भक्त खाटू नगरी में श्याम बाबा के दर्शन के लिए आते हैं।
     
  • श्याम नवमी: श्याम बाबा का प्रकटोत्सव, जिसे बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
     
  • गुरुवार और एकादशी व्रत: इन दिनों भक्त विशेष रूप से व्रत रखते हैं और श्याम बाबा आरती करते हैं।
     

निष्कर्ष

श्याम बाबा आरती सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हृदय से की जाने वाली सच्ची भक्ति का प्रतीक है। जब भक्त भावपूर्ण आरती गाते हैं, तो श्याम बाबा की कृपा उन पर अवश्य होती है।
अगर आप जीवन में शांति, सफलता और सच्चे प्रेम की तलाश में हैं, तो श्याम बाबा की शरण में जाइए और
Shyam Baba Aarti को अपने जीवन का हिस्सा बनाइए।

श्री श्याम तेरी महिमा अपरंपार है। जय श्री श्याम!

FAQs

1. श्याम बाबा आरती दिन में कितनी बार होती है?
 दिन में कुल 5 बार आरती होती है: सुबह, दोपहर, शाम और रात में।

2. क्या खाटू श्याम बाबा की आरती ऑनलाइन सुन सकते हैं?
 हाँ, यूट्यूब, गाना, स्पॉटिफाई जैसे प्लेटफॉर्म पर आरती आसानी से उपलब्ध है।

3. क्या महिलाएं भी श्याम बाबा की आरती कर सकती हैं?
 बिल्कुल, महिलाएं पूरे नियम और श्रद्धा के साथ आरती कर सकती हैं।

4. क्या श्याम बाबा की आरती किसी खास दिन करनी चाहिए?
 गुरुवार, एकादशी, और फाल्गुन नवमी पर आरती विशेष फलदायक मानी जाती है।

5. श्याम बाबा को कौन से भोग पसंद हैं?
 खीर, चूरमा, फल और तिल के लड्डू अर्पित किए जाते हैं।

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