Sunday, October 26

श्री खाटू श्याम चालीसा (Shri Khatu Shyam Chalisa)

shri khatu shyam chalisa

श्री खाटू श्याम चालीसा (Shri Khatu Shyam Chalisa)

दोहा:

श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानंद।
 श्याम चालीसा बणत है, रच चौपाई छंद॥

चौपाई:

श्याम-श्याम भजि बारंबारा।
सहज ही हो भवसागर पारा॥

इन सम देव दूजा कोई।
दीन दयालु दाता होई॥

भीम सुपुत्र अहिलावती जाया।
कही भीम का पौत्र कहलाया॥

यह सब कथा कही कल्पांतर।
तनिक मानो इसमें अंतर॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा।
भक्तन हेतु मनुज तनु धारा॥

वसुदेव देवकी प्यारे।
यशुमति मैया नंद दुलारे॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी।
बृजकिशोर गोवर्धन धारी॥

सियाराम श्री हरि गोविंदा।
दीनपाल श्री बाल मुकुंदा॥

दामोदर रण छोड़ बिहारी।
नाथ द्वारिकाधीश खरारी॥

कौर पढ़ावत गणिका तारी।
भीलनी की भक्ति बलिहारी॥

सती अहिल्या गौतम नारी।
भई श्रापवश शिला दुलारी॥

श्याम चरण रज चित लाई।
पहुंची पति लोक में जाही॥

अजामिल अरु सदन कसाई।
नाम प्रताप परम गति पाई॥

जाके श्याम नाम अधारा।
सुख लहहि दुःख दूर हो सारा॥

श्याम सलोवन है अति सुंदर।
मोर मुकुट सिर तन पीतांबर॥

गले बैजंती माल सुहाई।
छवि अनूप भक्तन मान भाई॥

श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती।
श्याम दुपहरि कर परभाती॥

श्याम सारथी जिस रथ के।
पांडव जीते महाभारत के॥

श्याम शरण सुखदाता।
भक्तन के कष्ट नाशक माता॥

श्याम चालीसा भजत हूं।
जयति खाटू नरेश॥॥


खाटू श्याम चालीसा कैसे पाठ करें (Khatu Shyam Chalisa ka Paath kese karein)

  1. साफ स्थान चुनें: घर में पूजा स्थान को स्वच्छ और शांति से भरा रखें।
     
  2. श्यामजी की मूर्ति या तस्वीर: पूजा स्थान पर भगवान श्यामजी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
     
  3. दीप और धूपक: दीपक जलाएं और अगरबत्ती की खुशबू वातावरण में फैलाएं।
     
  4. भक्ति भाव से पाठ करें: चालीसा को ध्यान और भक्ति भाव से पढ़ें।
     
  5. फूल और प्रसाद अर्पित करें: श्यामजी को फूल, अक्षत और प्रसाद चढ़ाएं।

खाटू श्याम चालीसा का महत्व (Khatu Shyam Chalisa ka Mahatwa)

खाटू श्याम चालीसा का पाठ (Khatu Shyam Chalisa ka paath) करने से भक्तों को कई आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से खाटू श्याम चालीसा का पाठ करता है, उसकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं।

  • आध्यात्मिक शांति: चालीसा का नियमित पाठ करने से मन शांत रहता है और आंतरिक संतोष की अनुभूति होती है।
     
  • संकट निवारण: जीवन में आने वाली परेशानियाँ और संकट कम होते हैं।
     
  • धन और सुख की प्राप्ति: भक्तों का वैभव बढ़ता है और घर-परिवार में सुख समृद्धि आती है।
     
  • भक्तिपूर्ण संबंध: यह भगवान श्यामजी के प्रति भक्त का प्रेम और भक्ति भाव मजबूत करता है।

खाटू श्याम चालीसा का इतिहास (Khatu Shyam Chalisa ka Itihas)

खाटू श्यामजी (Khatu Shyamji) का असली नाम बर्बरीक (Barbarika) था, जिन्हें पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत के समय प्रतिष्ठित योद्धा और भक्त माना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में धर्म, सत्य और भक्तिपूर्ण सेवा का मार्ग अपनाया। उनकी भक्ति और दयालुता के कारण उन्हें भगवान कृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) का वरदान मिला और वे श्यामजी के रूप में प्रसिद्ध हुए।

खाटू श्याम चालीसा (Khatu Shyam Chalisa) की रचना उन भक्तों के लिए हुई थी, जो श्यामजी की महिमा का वर्णन और उनके प्रति अपने श्रद्धा भाव को व्यक्त करना चाहते हैं। इस चालीसा में 40 छंद हैं जो भगवान श्यामजी के अद्भुत गुणों और उनके भक्तों के कल्याण के लिए वर्णित हैं।

खाटू श्याम चालीसा के प्रमुख लाभ (Khatu Shyam Chalisa ke Laabh)

  • रोग और रोगी स्थितियों में सुधार।
     
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली।
     
  • संकट और कष्टों से मुक्ति।
     
  • घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि।
     
  • भगवान श्यामजी की कृपा से मनोकामनाओं की पूर्ति।

FAQ’S

1 : खाटू श्याम चालीसा का पाठ कब करें?

खाटू श्याम चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को विशेष महत्व है। सुबह या शाम को श्रद्धा और भक्ति भाव से पढ़ने पर अधिक फल प्राप्त होता है।

2 : क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ घर पर किया जा सकता है?

हाँ, घर पर अकेले या परिवार के साथ भी इसे पढ़ा जा सकता है। श्रद्धा और भक्ति भाव से पाठ करने पर भगवान श्यामजी की कृपा और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

3 : खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

खाटू श्याम चालीसा का नियमित पाठ मानसिक शांति देता है, जीवन की बाधाएँ कम करता है, सुख-समृद्धि लाता है और भगवान श्यामजी की कृपा प्राप्ति का मार्ग खोलता है।

4 : खाटू श्याम चालीसा पाठ के समय क्या ध्यान रखना चाहिए?

खाटू श्याम चालीसा पाठ के दौरान मन को शांत रखें, भक्ति भाव बनाए रखें और उच्चारण ध्यानपूर्वक करें। घर या मंदिर में स्वच्छ वातावरण में पाठ करने से पाठ का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।

5 : खाटू श्याम चालीसा पाठ के दौरान कौन-कौन से सामग्री उपयोग करें?

खाटू श्याम चालीसा पाठ करते समय दीपक, अगरबत्ती, फूल, अक्षत और प्रसाद का प्रयोग करें। इससे भक्ति भाव बढ़ता है और पाठ का आध्यात्मिक प्रभाव अधिक होता है।

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