Wednesday, October 29

विनय चालीसा (Vinay Chalisa)

vinay chalisa neem karoli baba

विनय चालीसानीम करोली बाबा की महिमा

(Vinay Chalisa - Neem Karoli Baba ki Mahima)

दोहा

मैं हूँ बुद्धि मलीन अति

श्रद्धा भक्ति विहीन

करूँ विनय कछु आपकी

हो सब ही विधि दीन

चौपाई

जय जय नीब करोली बाबा

कृपा करहु आवै सद्भावा

कैसे मैं तव स्तुति बखानू

नाम ग्राम कछु मैं नहीं जानूँ

जापे कृपा द्रिष्टि तुम करहु

रोग शोक दुःख दारिद हरहु

तुम्हरौ रूप लोग नहीं जानै

जापै कृपा करहु सोई भानै 4

करि दे अर्पन सब तन मन धन

पावै सुख अलौकिक सोई जन

दरस परस प्रभु जो तव करई

सुख सम्पति तिनके घर भरई

जय जय संत भक्त सुखदायक

रिद्धि सिद्धि सब सम्पति दायक

तुम ही विष्णु राम श्री कृष्णा

विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा 8

जय जय जय जय श्री भगवंता

तुम हो साक्षात् हनुमंता ॥बजरंग बाण

कही विभीषण ने जो बानी

परम सत्य करि अब मैं मानी

बिनु हरि कृपा मिलहि नहीं संता

सो करि कृपा करहि दुःख अंता

सोई भरोस मेरे उर आयो

जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो 12

जो सुमिरै तुमको उर माहि

ताकि विपति नष्ट ह्वै जाहि

जय जय जय गुरुदेव हमारे

सबहि भाँति हम भये तिहारे

हम पर कृपा शीघ्र अब करहु

परम शांति दे दुःख सब हरहु

रोक शोक दुःख सब मिट जावै

जपै राम रामहि को ध्यावै 16

जा विधि होई परम कल्याणा

सोई सोई आप देहु वरदाना

सबहि भाँति हरि ही को पूजे

राग द्वेष द्वंदन सो जूझे

करै सदा संतन की सेवा

तुम सब विधि सब लायक देवा

सब कुछ दे हमको निस्तारो

भवसागर से पार उतारो 20

मैं प्रभु शरण तिहारी आयो

सब पुण्यन को फल है पायो

जय जय जय गुरुदेव तुम्हारी

बार बार जाऊं बलिहारी

सर्वत्र सदा घर घर की जानो

रूखो सूखो ही नित खानो

भेष वस्त्र है सादा ऐसे

जाने नहीं कोउ साधू जैसे 24

ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी

वाणी कहो रहस्यमय भारी

नास्तिक हूँ आस्तिक ह्वै जावै

जब स्वामी चेटक दिखलावै

सब ही धर्मन के अनुयायी

तुम्हे मनावै शीश झुकाई

नहीं कोउ स्वारथ नहीं कोउ इच्छा

वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा 28

केही विधि प्रभु मैं तुम्हे मनाऊँ

जासो कृपा-प्रसाद तव पाऊँ

साधु सुजन के तुम रखवारे

भक्तन के हो सदा सहारे

दुष्टऊ शरण आनी जब परई

पूरण इच्छा उनकी करई

यह संतन करि सहज सुभाऊ

सुनी आश्चर्य करई जनि काउ 32

ऐसी करहु आप अब दाया

निर्मल होई जाइ मन और काया

धर्म कर्म में रूचि होई जावे

जो जन नित तव स्तुति गावै

आवे सद्गुन तापे भारी

सुख सम्पति सोई पावे सारी

होय तासु सब पूरन कामा

अंत समय पावै विश्रामा 36

चारि पदारथ है जग माहि

तव कृपा प्रसाद कछु दुर्लभ नाही

त्राहि त्राहि मैं शरण तिहारी

हरहु सकल मम विपदा भारी

धन्य धन्य बड़ भाग्य हमारो

पावै दरस परस तव न्यारो

कर्महीन अरु बुद्धि विहीना

तव प्रसाद कछु वर्णन कीन्हा 40

दोहा

श्रद्धा के यह पुष्प कछु

चरणन धरी सम्हार

कृपासिन्धु गुरुदेव प्रभु

करी लीजै स्वीकार

विनय चालीसा क्या है? (Vinay Chalisa)

विनय चालीसा भगवान हनुमान  (Bhagwan Hanuman)के अवतार माने जाने वाले नीम करोली बाबा को समर्पित एक भक्ति स्तोत्र है। यह 40 छंदों में रचित है और हर पंक्ति में बाबा के प्रति प्रेम, श्रद्धा और आत्मसमर्पण झलकता है। भक्तजन इसे श्रद्धापूर्वक पढ़ते हैं ताकि जीवन में शांति, प्रेम और दिव्यता बनी रहे।

विनय चालीसा का इतिहास (Vinay Chalisa ka Itihas)

नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba), जिन्हें प्रेम सेबाबा नीम करोलीयामहराज जीकहा जाता है, 20वीं सदी के एक महान संत थे। उन्होंने अपने जीवन में करुणा, सादगी और ईश्वर भक्ति का संदेश दिया।

विनय चालीसा उनके भक्तों द्वारा रचित एक भक्तिगीत है, जो उनके चमत्कारों, उपदेशों और दिव्य आशीर्वाद का गुणगान करता है। माना जाता है कि इस चालीसा का पाठ करने से मन की शुद्धि होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

विनय चालीसा का महत्व (Vinay Chalisa ka Mahatwa)

विनय चालीसा का नियमित पाठ करने से भक्त के जीवन में आस्था और संतोष बढ़ता है। यह व्यक्ति के मन से नकारात्मकता को दूर कर उसे भक्ति और प्रेम के मार्ग पर ले जाता है।

नीम करोली बाबा के भक्तों का मानना है कि इस चालीसा का पाठ करने से

  • जीवन में शांति और संतुलन आता है।

  • मन की चिंता और भय दूर होते हैं।

  • घर-परिवार में सुख-समृद्धि और प्रेम बना रहता है।

  • आत्मिक शक्ति और भक्ति में वृद्धि होती है।

विनय चालीसा कब और कैसे पढ़ें? (Vinay Chalisa Paath)

विनय चालीसा (Vinay Chalisa) किसी भी दिन पढ़ी जा सकती है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को इसका विशेष महत्व माना गया है।

सुबह स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र पहनकर और दीप प्रज्वलित कर बाबा की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें। मन को शांत रखें और पूरी श्रद्धा के साथ चालीसा का पाठ करें।

भक्तजन इसे हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti), गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima), या बाबा के समाधि दिवस पर विशेष रूप से पढ़ते हैं।

नीम करोली बाबा और विनय चालीसा का संबंध 

नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) को हनुमान जी का स्वरूप माना जाता है। बाबा स्वयं कहते थे किजो हनुमान की भक्ति करेगा, वही सच्ची सेवा करेगा।

विनय चालीसा के माध्यम से भक्त केवल बाबा की भक्ति करते हैं बल्कि हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त करते हैं। बाबा का आश्रम कैंची धाम (उत्तराखंड) आज भी भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।

विनय चालीसा का पाठ करने के लाभ (Vinay Chalia ke laabh)

  • नकारात्मक ऊर्जा और भय से मुक्ति मिलती है।

  • मन में स्थिरता और आत्मविश्वास आता है।

  • घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।

  • रोग और मानसिक तनाव दूर होते हैं।

  • व्यक्ति का आत्मिक विकास होता है और ईश्वर से जुड़ाव बढ़ता है।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q - विनय चालीसा किसे समर्पित है?

A - विनय चालीसा नीम करोली बाबा (महराज जी) को समर्पित है, जिन्हें भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है।

Q - विनय चालीसा कब पढ़नी चाहिए?

A - इसे किसी भी दिन पढ़ सकते हैं, लेकिन मंगलवार और शनिवार को पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है।

Q - विनय चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होता है?

A - विनय चालीसा के पाठ से मन में शांति आती है, भय दूर होता है, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Q - क्या विनय चालीसा घर पर पढ़ी जा सकती है?

A - हाँ, इसे आप घर पर भी श्रद्धा से पढ़ सकते हैं। बस ध्यान रहे कि स्थान स्वच्छ और मन शांत हो।

Q - नीम करोली बाबा के प्रमुख स्थान कौन से हैं?

A - सबसे प्रसिद्ध कैंची धाम (उत्तराखंड) है। इसके अलावा Vrindavan, Lucknow और अमेरिका में भी बाबा के मंदिर हैं।

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