रामनवमी की पूजा विधि

Ram Navami worship method

रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा

Bhagvan Shriram Ki  Puja Vidhi

रामनवमी (RamNavami) के दिन भक्त-जन प्रातः उठकर स्नान -क्रिया आदि से मुक्त होकर सूर्यदेव को जल चढ़ाते हैं। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। पूजा के समय श्रीराम (Shri Ram) सहित माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की पूजा और आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) की जाती है। आरती से पहले श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी को तिलक लगाया जाता है और माता सीता की माँग में लाल सिंदूर लगाया जाता है राम-दरबार में मौजूद श्रीराम, माता जानकी (Mata Janki), लक्ष्मण जी (Lakshman Ji) और हनुमान जी के चरणों में फूल समर्पित किए जाते हैं। उसके बाद चरणामृत, फल और मिठाइयों में तुलसी का पत्ता डालकर सभी को भोग लगाया जाता है।

आरती के बाद वहाँ उपस्थित सभी लोग आरती लेते हैं, उन्ही में से कोई एक व्यक्ति सभी को तिलक लगाता है और सभी में प्रसाद वितरित करता है। इस दिन कई लोग अपनी श्रद्धा से ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराते हैं। भक्तजन घरों और मंदिरों में श्रीराम के स्मरण में कीर्तन-भजन करते हैं, राम-स्तुति (Ram-Stuti) गाते हैं। कई लोग रामचरित मानस (Ramcharitmanas) का पाठ करते हैं। मान्यता है कि रामनवमी के दिन व्रत रखने से भक्तों को सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। 

वर्ष २०२३ में ३० मार्च को रामनवमी (Ram Navami) के दिन ३ शुभ संयोग - सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य योग बन रहे हैं। जो कि बहुत ही शुभ फलदायी है। इन योगों में भक्तों द्वारा की गई पूजा से उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है।

कुछ ऐसे उपाय जिन्हें रामनवमी के दिन करने से भक्त-जनों को सुख-समृद्धि और सफ़लता की प्राप्ति होगी:

•    यदि आपके काम नहीं बनते हमेशा बिगड़ते ही रहते हैं और आपके भाग्य का उदय नहीं हो पा रहा है तो आप रामनवमी के दिन रामचरितमानस या सुंदर-कांड (Sunder-Kand) का पाठ अवश्य करें। 

•    यदि किसी कार्य को करने से आपको धन की हानि होती है तो धन-लाभ के लिए रामनवमी के दिन श्रीराम की पूजा करके उन्हें चन्दन का तिलक लगाकर रामाष्टक और राम-स्तुति पढ़ें।

•    यदि आपके घर में तंत्र-मंत्र या वास्तु-दोष का असर है तो इसके निवारण के लिए रामनवमी के दिन आप एक कटोरी (जो रसोई में इस्तेमाल ना होती हो और उस बर्तन में कुछ माँसाहारी भोजन ना परोसा गया हो, आप चाहें तो एक नई कटोरी पूजा-पाठ के लिए अलग से खरीद कर रख सकते हैं ) में गंगाजल लेकर श्रीराम रक्षा मंत्र जो कि इस प्रकार है – ‘ॐ श्रीं ह्रींग क्लीं रामचन्द्राय श्रीं नमः’ (Om Shrin Hring Klin Ramchandray Shrin Namah) का जाप १०८ बार करें और उसके बाद गंगाजल को पूरे घर में छिड़क दें। इससे आपके घर में जो भी दोष है उसका प्रभाव सदैव के लिए नष्ट हो जाएगा।

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