अक्षय तृतीया का महत्त्व (Importance of Akshaya Tritiya)

Importance of Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया का महत्त्व

Importance of Akshaya Tritiya

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) शब्दों से ही तात्पर्य स्पष्ट होता है, अक्षय अर्थात जिसका क्षय ना हो या जो कभी नष्ट ना हो और तृतीया का अर्थ है तीसरा दिन। अक्षय तृतीया, वह तीसरा दिन जिस दिन किए गए कार्य का मिलनेवाला फल नष्ट नहीं होता, इसलिए इस दिन सभी कार्य शुभ ही किए जाते हैं। बहुत से स्थानों पर अक्षय तृतीया को "अखा तीज"(Akha Teej) भी कहा जाता है।

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) हिन्दुओं के लिए बहुत ही महत्त्व रखता है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ही अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। प्रति वर्ष इस दिन को हिन्दू धर्म में त्योहार की तरह मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) और भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, अक्षय तृतीया के दिन हर क्षण शुभ होता है, इसलिए कोई शुभ कार्य करने के लिए इस दिन किसी शुभ मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। यह दिन मांगलिक कार्यों और किसी वस्तु की खरीददारी के लिए अति शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) को किए गए दान से, घर में दरिद्रता नष्ट होती है और परिवार के सभी सदस्य को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त इस दिन सोना या जौ खरीदने से घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है साथ ही आभूषणों की खरीददारी से अक्षय धन की प्राप्ति अवश्य होती है।  

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