१) अक्षय तृतीया के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से मुक्त हो जाएँ।
२) पीले और पवित्र वस्त्र धारण कर घर में पूजास्थल को स्वच्छ करें।
३) पूजास्थल पर गंगाजल छिड़क कर चौकी लगाएँ। चौकी पर भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की प्रतिमा सजाएँ। प्रतिमा के समक्ष धूप-दीप जलाएँ।
४) भगवान विष्णु को पीले चन्दन का तिलक लगाएँ और चरणों में तुलसी का पत्ता अवश्य अर्पित करें।
५) माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की की मांग में लाल सिंदूर अवश्य लगाएँ।
६) अब भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पीले रंग के पदार्थ जैसे मिठाई, हलुआ या खीर का भोग लगाएँ।
७) पूजा के समय विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa) और लक्ष्मी चालीसा (Lakshmi Chalisa) का पाठ करें।
८) इसके बाद भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu ki Aarti) और माता लक्ष्मी (Maata Lakshmi ki Aarti) की साथ में आरती करें।
९) आरती के बाद घर का कोई एक सदस्य सभी को आरती फिर उसके बाद प्रसाद वितरित करें।
वर्ष २०२४ में हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya 2024), दिनांक १० मई २०२४, शुक्रवार को है। तृतीया तिथि का आरम्भ दिनांक १० मई २०२४ की सुबह ४ बजकर १७ मिनट पर होगा और तिथि का समापन दिनांक ११ मई २०२४ की सुबह २ बजकर ५० मिनट पर होगा। दिनांक १० मई को पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का समय सुबह ५ बजकर ३३ मिनट से दोपहर १२ बजकर १८ मिनट तक है।
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