लक्ष्मी पूजा (Goddess Laxmi’s Puja)

Goddess Laxmi Puja

लक्ष्मी पूजा (Goddess Laxmi’s Worship) 

हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) को धन एवं समृद्धि की देवी (Dhan aur Samridhi ki Devi) कहा जाता है। लक्ष्मी पूजा (Mata Lakshmi Puja) एक हिन्दू धार्मिक पूजा है जो मुख्य रूप से दिवाली (Deepawali) के दिन की जाती है जो कि हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार माना जाता है। हिन्दी पंचांग के मुताबिक यह पूजा कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस तिथि के दिन करी जाती है। इनके साथ गणेश जी (Bhagwan Ganesh ki Pooja) की भी पूजा की जाती है। पूजा का सबसे शुभ समय उस दिन के “प्रदोष काल” या शाम को माना जाता है।

पुराणों के मुताबिक कार्तिक अमावस्या की रात को माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) स्वयं धरती पर आती हैं। मान्यता के अनुसार लक्ष्मी जी को स्वच्छता और रोशनी आकर्षित करती है और जो घर सबसे स्वच्छ और रोशनी से जगमग रहता है, लक्ष्मी जी सबसे पहले वही प्रवेश करती हैं, इसलिए लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Pooja) के अवसर पर लोग अपने घरों को साफ़ करते हैं तथा दीयों और रंगीन झालरों से सजाकर लक्ष्मी जी का स्वागत करते हैं।

बंगाल और आसाम में लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja), आश्विन माह की विजयदशमी (VijayaDashmi)  के पाँच दिन बाद, शरद पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। वहाँ इसे “कोजागोरी लोक्खी पूजो” के नाम से भी जाना जाता है।  

नेपाल में लक्ष्मी पूजा (Mata Lakshmi Pooja) को, वहाँ के एक राष्ट्रीय त्योहार - तिहाड़, के एक भाग के रूप में मनाया जाता है। नेपाल के लोग इस पूजा को गंगाजल, गाय के गोबर और लाल मिट्टी से साफ़ करी हुई जगह पर करते हैं। यह पूजा ५ दिन तक चलती है।

लक्ष्मी पूजा विधि (Method of worshipping)

लक्ष्मी पूजा के दिन पहले घर की सफाई करें और हर तरफ घर में गंगाजल का छिड़काव करें। घर के द्वार पर दीये सजाएँ।
पूजा स्थान पर एक चौकी रख कर उसपे लाल कपड़ा बिछाकर गणेश एवं लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
एक कलश में जल भरकर चौकी के पास रखें।
मूर्ति या तस्वीर के आगे दीपक जलाकर उन्हें रोली, चावल, मोली, फल, आदि अर्पित करें और फिर लक्ष्मी जी की आरती करें।
लक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी और व्यापारिक बही-खाते की भी पूजा करें। 
लक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को मिलके करना चाहिए।

लक्ष्मी पूजा तिथि (Laxmi Puja Date 2024)

साल 2024 में लक्ष्मी पूजा 1 नवंबर, शुक्रवार को है। हिन्दू धर्म में लक्ष्मी पूजा का कार्यक्रम दिवाली (Diwali) के २ दिन पहले यानी धनतेरस पूजा (Dhanteras pooja) के दिन से ही शुरु हो जाता है पर मुख्य पूजा दिवाली के दिन ही करी जाती है।

लक्ष्मी पूजा से जुड़े प्रश्न और उत्तर 

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा का शुभ समय कब है?

उत्तर - लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ समय दिवाली के दिन प्रदोष काल या शाम को होता है।

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा के दौरान किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?

उत्तर - पूजा के लिए गणेश एवं लक्ष्मी जी की मूर्ति, लाल कपड़ा, जल से भरा कलश, दीपक, रोली, चावल, मोली, फल, गंगाजल आदि की आवश्यकता होती है।

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर - लक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी और व्यापारिक बही-खाते की भी पूजा करनी चाहिए।

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा का महत्व क्या है?

उत्तर - लक्ष्मी पूजा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी स्वच्छता और रोशनी से आकर्षित होती हैं और सबसे स्वच्छ और रोशनी से जगमग घर में प्रवेश करती हैं।

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा के दिन घर की सफाई क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर - पुराणों के अनुसार, लक्ष्मी जी को स्वच्छता और रोशनी आकर्षित करती हैं, इसलिए पूजा से पहले घर की सफाई और सजावट महत्वपूर्ण है।

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा का आयोजन क्यों किया जाता है?

उत्तर - लक्ष्मी पूजा का आयोजन धन, समृद्धि और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

प्रश्न- साल 2024 में लक्ष्मी पूजा कब है?

उत्तर - साल 2024 में लक्ष्मी पूजा 1 नवंबर, शुक्रवार को है। मुख्य पूजा दिवाली के दिन ही होती है।
अतिरिक्त जानकारी

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा के दिन तिजोरी और व्यापारिक बही-खाते की पूजा क्यों की जाती है?

उत्तर - तिजोरी और व्यापारिक बही-खाते की पूजा लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्ति और व्यवसाय में समृद्धि के लिए की जाती है।

प्रश्न- लक्ष्मी पूजा के समय कौन-कौन से मंत्र और स्तोत्र का पाठ किया जाता है?

उत्तर - लक्ष्मी पूजा के समय लक्ष्मी जी के मंत्र और स्तोत्र जैसे श्री सूक्त, लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र का पाठ किया जाता है।

पूरब पश्चिम विशेष -

Radhashtami Puja   | Suryadev ki Puja   |   Nag Panchami Puja

  • Share:

0 Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Format: 987-654-3210

फ्री में अपने आर्टिकल पब्लिश करने के लिए पूरब-पश्चिम से जुड़ें।

Sign Up