दशहरा (Dussehra) को विजयादशमी (Vijaya Dashmi) तथा आयुध पूजा (Aayudh Puja) के नाम से भी जानते हैं। यह हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार (Hindu Festival) है। दशहरा भारत के लगभग सभी हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। पुरानी कहानियों के अनुसार दशहरा के दिन ही भगवान श्रीराम (Bhagwan Shri Ram) ने रावण का वध किया था। दशहरा के दिन ही देवी दुर्गा (Devi Durga) ने दुराचारी महिषासुर पर भी विजय प्राप्त की थी। दशहरा के दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है।
दशहरा की तिथि को शुभ तिथियों में से एक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिए दशहरा का दिन उत्तम होता है। प्राचीन समय में दशहरा के दिन विजय वंदना एवं शस्त्र पूजा करने के उपरांत राजा युद्ध के लिए निकलते थे। दशहरा के दिन जगह जगह पर मेले लगाए जाते हैं और रामलीला का आयोजन होता है, जिसमें राम की विजय का वर्णन होता है तथा रावण का पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा के पूर्व 9 दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। जिसमें प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। दशहरा का त्यौहार शक्ति पूजा (Shakti puja) का त्यौहार है।
हिंदुओं के महाकाव्य रामायण (Ramayan) के अनुसार भगवान श्री राम (Bhagwan Shri Ram) 14 वर्षों के वनवास में अनेकों राक्षसों के साथ-साथ रावण का वध किया था। रावण का वध करने, एवं विभीषण का लंका में राजतिलक करने के उपरांत श्री राम अपनी पत्नी जानकी तथा छोटे भाई लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौट आए। जब श्री राम अयोध्या वापस लौटे थे तो यह तिथि अश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। रावण पर विजय प्राप्त करने की इस तिथि को स्मरणीय तिथि के रूप में विजयादशमी के नाम से जाना जाता है ।
दशहरा के दिन ही देवी दुर्गा (Devi Durga) ने अत्याचारी दानव महिषासुर का अंत किया था। दुर्गा सप्तशती में वर्णित कथाओं के अनुसार अहंकारी एवं दुराचारी राक्षस महिषासुर पृथ्वी पर साधु-संतों को प्रताड़ित करता था, अभिमान में आकर उसने देवताओं पर भी आक्रमण कर दिया। उसको वरदान स्वरुप मिली शक्तियों के समक्ष देवता गण नतमस्तक हुए तथा देवी दुर्गा से सृष्टि की रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगे। देवताओं द्वारा विनती करने पर माता दुर्गा में महिषासुर के अंत के लिए हुंकार भरी। महिषासुर तथा माता दुर्गा के बीच 10 दिनों तक युद्ध चला। जिसमें दसवें दिन मां दुर्गा द्वारा महिषासुर का अंत कर दिया गया। महिषासुर के वध किए जाने के उपरांत दशमी के दिन माता दुर्गा की पूजा हुई तथा यह तिथि स्मरणीय बन गई। मां दुर्गा तथा श्री रामचंद्र जी के विजय की इस तिथि को हम हर वर्ष दुर्गा पूजा एवं दशहरा त्यौहार के नाम से मनाते हैं।
वर्ष 2023 में 24 अक्टूबर, मंगलवार के दिन दशहरा का आयोजन किया जाएगा। 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को नवरात्रि के आखिरी दिन हम दशहरा का त्योहार मनाएंगे। इस दिन मां दुर्गा का मूर्ति विसर्जन एवं रावण के पुतले (Ravan Dahan) का दहन किया जाएगा।
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