दुर्गा पूजा (Durga Puja)

Durga Puja

दुर्गा पूजा (Durga Puja)

दुर्गा पूजा (Durga Puja) हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक पर्व है, जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा (Devi Durga) की आराधना की जाती है। यह पर्व नौ दिन तक मनाया जाता है, अर्थात इसे नवरात्र (Navratra) भी कहा जाता है। नवरात्र साल में चार बार आता है जब भी ऋतुओं का बदलाव होता है। इनमें से दो गुप्त नवरात्र होते हैं जो कि माघ और आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में होते हैं, और दो प्रकट नवरात्र होते हैं जो चैत्र और आश्विन के महीने में प्रत्यक्ष रूप से मनाये जाते हैं जिसे चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratra) और शारदीय नवरात्र (Shardiy Navratra) भी कहते हैं।

ऐसी मान्यता है कि देवताओं ने देवी दुर्गा (Devi Maa Durga) के नौ रूपों को अपने-अपने शस्त्र देकर महिषासुर के वध करने की प्रार्थना की थी और यह नौ रूप चैत्र माह की पहली तिथि से लेकर नवमी तिथि तक एक-एक कर प्रकट हुए थे। आश्विन माह में देवी दुर्गा (Devi Durga) ने महिषासुर पर आक्रमण किया था और युद्ध नौ दिनों तक चला था। दसवें दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इसलिए नवरात्र नौ दिनों तक मनाया जाता है। क्यूंकि आश्विन माह में शरद ऋतु का आरम्भ हो जाता है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्र भी कहते हैं। 

दुर्गा के नौ रूप (Navadurga)

दुर्गा पूजा (Durga puja) के नौ दिन दुर्गा जी के नौ रूपों (Durga Maa ke 9 Roop) की पूजा होती है -
प्रथम रूप – शैलपुत्री
द्वितीय रूप – ब्रह्मचारिणी 
तृतीय रूप – चंद्रघंटा
चतुर्थ रूप – कूष्मांडा 
पंचम रूप – स्कंदमाता
षष्ठ रूप – कात्यायनी 
सप्तम रूप – कालरात्रि 
अष्टम रूप – महागौरी
नवम रूप – सिद्धिदात्री

दुर्गा पूजा में कन्या पूजन का महत्व (Importance of Kanya Puja in Durga Puja)

कन्या पूजन (Kanya Pujan) करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि बिना कन्या पूजन के नवरात्रि का पूरा फल नहीं मिलता है। इससे माता रानी (Mata Rani) प्रसन्न होती हैं और सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। कन्या पूजन करने से परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम भाव बना रहता है और सभी सदस्यों की तरक्की होती है।

स्कंद पुराण के अनुसार, 2 वर्ष की कन्या को कुमारी, 3 वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ती, 4 वर्ष की कन्या को कल्याणी, 5 वर्ष की कन्या को रोहिणी, 6 वर्ष की कन्या को कालिका, 7 वर्ष की कन्या को चंडिका, 8 वर्ष की कन्या को शांभवी और 9 वर्ष की कन्या को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। वहीं 10 वर्ष की आयु की कन्या को सुभद्रा कहा जाता है। 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या की पूजा करने से व्यक्ति को अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है।

जैसे कुमारी की पूजा करने से आयु और बल की वृद्धि होती है। त्रिमूर्ति की पूजा करने से धन और वंश वृद्धि, कल्याणी की पूजा से राजसुख, विद्या, विजय की प्राप्ति होती है। कालिका की पूजा से सभी संकट दूर होते हैं और चंडिका की पूजा से ऐश्वर्य व धन की प्राप्ति होती है। शांभवी की पूजा से विवाद खत्म होते हैं और दुर्गा की पूजा (Maata Durga ki Puja) करने से सफलता मिलती है। सुभद्रा की पूजा से रोग नाश होते हैं और रोहिणी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। शास्त्रों अनुसार, दो से दस वर्ष की कन्याओं का पूजन करना चाहिए। नौ कन्याओं का पूजन सर्वोत्तम माना गया है।

धर्मज्ञों का कहना है कि संख्या के अनुसार कन्या पूजन का फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन में 9 कन्याओं का पूजन किया जाता है। हर कन्या का अलग और विशेष महत्व होता है। एक कन्या की पूजा करने से ऐश्वर्य, दो कन्याओं से भोग व मोक्ष दोनों, तीन कन्याओं के पूजन से धर्म, अर्थ व काम तथा चार कन्याओं के पूजन से राजपद मिलता है। पांच कन्याओं की पूजा करने से विद्या, छह कन्याओं की पूजा से छह प्रकार की सिद्धियां, सात कन्याओं से सौभाग्य, आठ कन्याओं के पूजन से सुख- संपदा प्राप्त होती है। नौ कन्याओं की पूजा करने करने से संसार में प्रभुत्व बढ़ता है।

दुर्गा पूजा विधि  (Durga Puja Vidhi)

दुर्गा पूजा की विधि कुछ इस प्रकार होती है- 
दुर्गा पूजा की सुबह प्रतिदिन प्रातः स्नान करें एवं स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा करें।
पूजा के प्रथम दिन मंदिर में दुर्गा जी की तस्वीर या मूर्ती स्थापित करें।
धरती पर थोड़ी मिट्टी में जौ मिला कर उसके बीच में कलश स्थापित करें।
कलश के बगल में अखंड दीप जलाएं। 
माँ दुर्गा को अर्घ्य दें और मूर्ती या तस्वीर को अक्षत एवं फूल चढ़ा कर लाल फूलों से सजाएँ।
फल और मिठाई का भोग लगायें। 
धूप और अगरबत्ती जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें।
दुर्गा अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं को भोजन कराया जाता है।

दुर्गा पूजा 2024 (Durga Puja Date 2024)

पंचांग के मुताबिक, साल 2024 में दुर्गा पूजा 9 अक्टूबर से शुरू होकर 13 अक्टूबर को खत्म होगी. दुर्गा पूजा पांच दिनों का त्योहार होता है. यह षष्ठी से शुरू होकर विजयादशमी या दशहरा पर खत्म होता है।
साल 2024 में दुर्गा पूजा के दिन: 
8 अक्टूबर, मंगलवार: षष्ठी
9 अक्टूबर, बुधवार: सप्तमी
10 अक्टूबर, गुरुवार: अष्टमी
11 अक्टूबर, शुक्रवार: नवमी
12 अक्टूबर, शनिवार: दशमी

दुर्गा पूजा से जुड़े प्रश्न और उत्तर 

प्रश्न : दुर्गा पूजा कब मनाई जाती है?

उत्तर: दुर्गा पूजा मुख्यतः शारदीय नवरात्र के दौरान मनाई जाती है, जो आश्विन महीने में आती है। साल 2024 में दुर्गा पूजा 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक मनाई जाएगी।

प्रश्न : दुर्गा पूजा का महत्व क्या है?

उत्तर: दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें देवी दुर्गा की आराधना की जाती है। इसे महिषासुर के वध के रूप में मनाया जाता है, जो देवी दुर्गा ने नौ दिनों के युद्ध के बाद विजय प्राप्त की थी।

प्रश्न : दुर्गा पूजा के नौ रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर: दुर्गा पूजा के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है:

शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री

प्रश्न : कन्या पूजन का महत्व क्या है?

उत्तर: कन्या पूजन से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और इसे बिना नवरात्रि का पूरा फल नहीं मिलता। इसके द्वारा माता रानी सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, दो से दस वर्ष की कन्याओं का पूजन करना चाहिए, जिसमें नौ कन्याओं का पूजन सर्वोत्तम माना गया है।
 

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1 Comments:

  1. Gaurav Dubey Gaurav Dubey says:

    जय दुर्गा माँ शक्ति और समृद्धि के लिए भगवानी दुर्गा की पूजा के लिए उत्कृष्ट स्रोत।

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