राम मंदिर (Ram Mandir) रामलल्ला की जन्मभूमि (Ramlala JanmBhumi) है। यह भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) के सातवें अवतार “श्री राम” (Shri Ram) की जन्मस्थली (Shree Ram ki Janm Sthali) है।
श्री राम मंदिर (Shri Ram Mandir) अभी निर्माणाधीन है और पूरा होने के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) को रामलल्ला (Ram Lala) के जन्म का साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 2019 में इस भूमि को सरकार द्वारा संगठित "श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" नामक ट्रस्ट को सौंप दिया गया। फरवरी 2020 में सरकार ने मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirmaan) योजना को स्वीकार किया और अब इस तीर्थ स्थल को एक नया रूप दिया जा रहा है। बरसों बाद इस देवभूमि “राम जन्मस्थली” पर “श्री राम मंदिर” (Shri Ram Mandir) का निर्माण किया जा रहा है।
5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री के हाथों भूमि पूजन और जन्म भूमि की आधारशिला रखे जाने के बाद मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” ट्रस्ट की देखरेख में प्रगति पर है। राम मंदिर अयोध्या (Ram Mandir Ayodhya) एक भव्य और विशाल हिंदू मंदिर होगा जिसका डिज़ाइन अहमदाबाद (गुजरात) के सोमपूरा परिवार ने तैयार किया है।
मंदिर परिसर में एक प्रार्थना कक्ष, रामकथा कुंज, यज्ञशाला, महा कुंड, कन्वेंशन सेंटर, सत्संग भवन, थिएटर (360 डिग्री), गैलरी, संग्रहालय (जहां भगवान राम के जीवन से जुड़े विभिन्न चलचित्र दिखाए जाएंगे), लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर, ओरियंटेशन गैलरी, फूड कोर्ट और कई अन्य भवन बनाए जाएंगे।
श्री राम मंदिर अयोध्या (Shri Ram Mandir Ayodhya) का मॉडल देखकर ही इसकी भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है। लगभग 1000 करोड़ की लागत से 107 एकड़ भूमि पर राम मंदिर (Ram Mandir) बन रहा है। 2.77 एकड़ में मूल गर्भ ग्रह का निर्माण किया जाएगा। गर्भगृह के अंदर का भाग सोने से और जमीन चांदी से बनाई जाएगी। यहां रामलल्ला के बालरूप की प्राचीन प्रतिमा और श्री राम की एक विशाल मूर्ति स्थापित की जाएगी। राम मंदिर अयोध्या (Ram Mandir Ayodhya) की चौड़ाई 235 फीट, ऊंचाई 161 फीट और लंबाई 360 फीट होगी। इस भव्य मंदिर की नींव 45 फीट गहरी है। मंदिर के 3 तल, 5 मंडप, 12 प्रवेश द्वार और 366 स्तंभ होंगे। मंदिर में पत्थर पर अद्भुत नक्काशी की जाएगी। मंदिर के चारों तरफ हरियाली और फव्वारों से भरा दृश्य बहुत ही मनमोहक होगा।
रामलल्ला अब तक एक टेंट में विराजमान थे। यही उनका अस्थाई मंदिर था। इस दौरान कोई भी उत्सव पारंपरिक रूप से नहीं मनाया जाता था लेकिन अब सभी उत्सव धूमधाम से मनाए जाते है। जैसे सावन में रामलल्ला को चांदी के झूले में झुलाया जाता है और अब झूलनोत्सव की यह परंपरा वार्षिक रूप से मनाई जाएगी।
श्री राम मंदिर (Shri Ram Mandir) के कारण अयोध्या (Ayodhya) का भी विकास हो रहा है। 1000 करोड़ की लागत से 600 एकड़ भूमि पर एयरपोर्ट और 200 करोड़ की लागत से रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) तक पहुंचने के लिए 6 प्रवेश द्वार बनाए जा रहे है जिनके नाम रामायण कालीन ऋषि मुनियों के नाम पर रखे जाएंगे। भूमि पूजन के समय सारी अयोध्या (Ayodhya) में अखंड रामायण और श्री राम के नाम की ध्वनि गूंज रही थी। लाखों की संख्या में दीए जलाकर दीपोत्सव मनाया गया था।
राम मंदिर (Ram Mandir) हमारी परंपराओं का आधुनिक प्रतीक होगा। साल 2023 तक उम्मीद है कि रामलल्ला का मंदिर तैयार हो जाएगा और भक्त अपने भगवान के दर्शन कर पाएंगे। जबकि श्री राम जन्मभूमि का पूरा निर्माण, संपूर्ण मंदिर लगभग साल 2025 तक तैयार होने की उम्मीद है। श्री राम मंदिर (Shri Ram Mandir) का प्रांगण इतना बड़ा होगा कि लगभग 10 लाख भक्त एक साथ प्रभु के दर्शन कर पाएंगे।
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