भारतवर्ष में होली का त्योहार (Festival of Holi) बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, यह भारत देश का महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार है। इसे हम रंगों के त्योहार के नाम सभी जानते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन श्री हरि (Shir Hari) के भक्त प्रहलाद (Bhakt Prahlad) की रक्षा हुई थी। जिसके उपलक्ष्य में हम पहले होलिका (Holika) तथा बाद में होली का त्योहार मनाते हैं।
कहानियों के अनुसार जब हिरण्यकश्यप के समक्ष कोई भी व्यक्ति किसी देवी देवता की पूजा नहीं कर सकता था, ऐसे में प्रहलाद में अपने पिता के विचारों को ना मानते हुए श्रीहरि (Shri Hari) में अपनी संपूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति भावना दिखाई, जिसके फलस्वरूप श्री हरि ने उसे अग्नि में जलने से बचा लिया था तथा प्रहलाद को गोद में लेकर बैठने वाली होलिका अग्नि में जल गई।
प्रहलाद के जीवन रक्षा की खुशी में लोगों ने रंगों का त्योहार अर्थात होली मनाया। होली के त्योहार को हम भक्ति की जीत के रूप में मनाते हैं।
तब से प्रत्येक वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली का को जलाकर हम सभी के बीच होलिका दहन का आयोजन किया जाता है, तथा उसके एक दिन बाद धूम धाम से होली का त्योहार मनाया जाता है।
वर्ष 2023 में होलिका दहन (Holika Dahan) की तिथि को लेकर लोगों में संशय व्याप्त हैं, क्योंकि होलिका दहन का आयोजन प्रत्येक वर्ष हिंदू कैलेंडर की फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन किया जाता है, और इस वर्ष पूर्णिमा 6 मार्च शाम 4:00 बजे से आरंभ हो रही है, जो 7 मार्च 2023 को 6:00 बजे समाप्त होगी। इसीलिए लोगों में उलझन है कि 2 दिन पूर्णिमा तिथि है तो, होलिका दहन का आयोजन किस दिन किया जाएगा।
परंतु ज्योतिषियों के अनुसार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च 6:24 से 8:51 के मध्य ही है, अतः होलिका दहन का कार्यक्रम 7 मार्च 2023 को ही संपन्न किया जाएगा।
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