Thursday, July 10

तुलसी विवाह (Tulsi Vivah)

Tulsi Vivah

तुलसी विवाह (Tulsi Vivah)

तुलसी विवाह एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हिन्दू धर्म के प्रतीक और महत्व के साथ मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु के प्रतिनिधि रूप में मानी जाने वाली तुलसी पौधे की कन्यादान करना है। यह पर्व कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इसे पूरे उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।

तुलसी विवाह का आयोजन (Tulsi Marriage Ceremony)

तुलसी विवाह के दिन, तुलसी पौधे की मूर्ति को कन्या के रूप में सजाकर विवाह के रस्म का पालन किया जाता है। इस उत्सव को विशेष धार्मिक आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

तुलसी विवाह का आयोजन गोदावरी, यमुना, और गंगा के तटों पर भी किया जाता है, जहां भक्त तुलसी के पौधे के चारों ओर रंगीन चौकी बनाते हैं और भगवान विष्णु (Vishnu God) और तुलसी के विवाह के आगे उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। यहाँ विष्णु के रूप में पूजा की जाती है और तुलसी को उसकी दुल्हन के रूप में स्वागत किया जाता है।

तुलसी का महत्व (Importance of Tulsi)

तुलसी एक पवित्र पौधा है और हिन्दू संस्कृति में गहरा महत्व रखता है। तुलसी के पौधे के पत्ते, फूल, और बीज आयुर्वेदिक औषधियों में भी उपयोग किए जाते हैं और इन्हें पूजनीय माना जाता है। इसके साथ ही, तुलसी की माला का धारण करने से भगवान की प्राप्ति होती है और भक्त उनके करीब महसूस करते हैं।

तुलसी विवाह का महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि इसके माध्यम से हम तुलसी माता की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद का प्राप्त करते हैं, जिससे हमारे जीवन में खुशियों और शांति की प्राप्ति होती है। तुलसी का पूजन हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और आत्मिक उन्नति की ओर एक कदम आगे बढ़ाता है।

तुलसी विवाह हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, जो हमें हमारे संस्कृति और धर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं की ओर मोड़ता है। इस दिन हम तुलसी माता की पूजा करते हैं, उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं और परमात्मा के प्रति आदर्श भावना को महत्व देते हैं। तुलसी विवाह का आयोजन हमारे जीवन में आत्मिक उन्नति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होता है और हमें सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है।

वर्ष 2025 में तुलसी विवाह का पर्व रविवार, 2 नवंबर को मनाया जाएगा 

द्वादशी तिथि का समय:

  • प्रारंभ: 2 नवंबर 2025 को सुबह 7:31 बजे
  • समाप्ति: 3 नवंबर 2025 को सुबह 5:07 बजे

तुलसी विवाह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन पवित्र तुलसी (बेसिल) के पौधे और भगवान विष्णु या उनके अवतार श्रीकृष्ण का विवाह संपन्न किया जाता है, जो हिंदू विवाह सत्र की शुरुआत का प्रतीक है।

तुलसी विवाह से जुड़े रोचक प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: तुलसी विवाह क्या है और इसका महत्व क्या है?

उत्तर: तुलसी विवाह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें भगवान विष्णु के रूप में मानी जाने वाली तुलसी पौधे की कन्यादान किया जाता है। इस विवाह का आयोजन कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि को होता है। यह पर्व हिन्दू समाज में गहरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

प्रश्न: तुलसी विवाह का आयोजन कैसे किया जाता है?

उत्तर: तुलसी विवाह के दिन, तुलसी पौधे की मूर्ति को कन्या के रूप में सजाकर विवाह के रस्म का पालन किया जाता है। यह विवाह धार्मिक आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

प्रश्न: तुलसी का महत्व क्या है?

उत्तर: तुलसी एक पवित्र पौधा है जिसे हिन्दू संस्कृति में गहरा महत्व दिया जाता है। इसका पूजन करने से भगवान की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख, समृद्धि, और आत्मिक उन्नति का मार्ग मिलता है।

प्रश्न: तुलसी विवाह की रस्में क्या हैं और इसका महत्व क्या है?

उत्तर: तुलसी विवाह की प्रमुख रस्में में तुलसी पौधे की मूर्ति को कन्या के रूप में सजाना, भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप के साथ विवाह सम्पन्न करना, और उसके बाद विवाही को विधिवत आशीर्वाद देना शामिल है। इस पर्व का महत्व भगवान विष्णु की अत्यंत प्रिय भक्त, तुलसी माता के समानता को उत्कृष्टता से प्रकट करता है और भक्तों को उनके अनुग्रह का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

प्रश्न: तुलसी के पौधे को क्यों माना जाता है इतना महत्वपूर्ण?

उत्तर: तुलसी को हिन्दू धर्म में पवित्रता, शुभता, और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। उसकी पूजा करने से घर में शांति, सुख, और समृद्धि का आभास होता है। इसके अलावा, उसकी चारणामृत से विशेष आयुर्वेदिक लाभ होते हैं और उसे मनुष्य के आत्मा के साथ संबंधित माना जाता है।

प्रश्न: तुलसी विवाह कैसे मनाया जाता है?

उत्तर: तुलसी विवाह में, तुलसी पौधे की मूर्ति को कन्या के रूप में सजाकर भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम के साथ विवाह किया जाता है। यह विवाह धार्मिक आस्था, भक्ति और समर्पण का परिचय देता है और लोगों को धार्मिक जीवन में संजीवनी का संदेश देता है।

प्रश्न: तुलसी के पौधे का घर में स्थान क्या महत्व है?

उत्तर: तुलसी के पौधे का घर में स्थान रखने से घर का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक होता है। यह धार्मिकता के साथ-साथ स्वास्थ्य और धन संबंधी लाभ भी प्रदान करता है। तुलसी की पूजा से घर के सभी सदस्यों को सुख, समृद्धि और शांति का अनुभव होता है।

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